जलजीवों के संरक्षण को लेकर तीन दिवसीय जनजागरूकता शिविर का आयोजन
Sahibganj Jharkhand

जलजीवों के संरक्षण को लेकर तीन दिवसीय जनजागरूकता शिविर का आयोजन
साहिबगंज जिले के उधवा प्रखंड में गुरुवार को दक्षिण पलाशगाछी पंचायत सचिवालय में गंगा नदी जलजीवों के संरक्षण और आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया जिले में तीन दिवसीय जनजागरूकता शिविर का आयोजन कर रहा है। इस अभियान के अंतर्गत जिले के विभिन्न गांवों में जाकर लोगों को नदी पारिस्थिति तंत्र, गंगा डॉल्फ़िन सहित जलजीवों के महत्व तथा उनके संरक्षण के उपायों के विषय में जानकारी दी जा रही है।
जहां स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। शिविर के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि जलजीवों का जीवन केवल जल पर निर्भर नहीं होता, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फ़िन, कछुए, मछलियां इत्यादि न केवल जैव विविधता को समृद्ध करते हैं, बल्कि जल की गुणवत्ता के सूचक भी होते हैं।
कार्यक्रम में WII से आए श्री मुकेश देवराडी ने गंगा डॉल्फ़िन और अन्य जलजीवों के प्राकृतिक आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। नमामि गंगे अभियान के जिला परियोजना अधिकारी श्री अमित मिश्रा ने गंगा नदी को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए चलाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी तथा जलजीवों के संरक्षण में समुदाय की भागीदारी को महत्त्वपूर्ण बताया।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक श्री आशीष यादव ने कहा कि स्वच्छता का सीधा संबंध जलजीवों के जीवन से है। गंदगी और अपशिष्ट जल नदियों को प्रदूषित करते हैं जिससे जलजीवों की संख्या में कमी आती है।
वन विभाग की ओर से वन रक्षक श्री पप्पू यादव, डॉल्फ़िन वॉचर श्री आज़ाद अली एवं श्री जसीम शेख़, तथा गंगा प्रहरी श्री लल्लन कुमार ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और ग्रामीणों को प्रेरित किया कि वे जल स्रोतों को स्वच्छ रखें और अवैध मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों से दूर रहें।
कार्यक्रम में बच्चों, महिलाओं और स्थानीय युवाओं की उत्साहजनक भागीदारी रही। लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे जलजीवों के संरक्षण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे और स्वच्छ एवं सुरक्षित नदी तटों के निर्माण में सहयोग करेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट