आउटसोर्स कर्मचारी अपनी बारह सूत्री मांगो के समर्थन मे राजभवन रांची मे एक दिवसीय धरना दिया.
Sahibganj Jharkhand

आउटसोर्स कर्मचारी अपनी बारह सूत्री मांगो के समर्थन मे राजभवन रांची मे एक दिवसीय धरना दिया.
साहिबगंज:-झारखंड सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए जारी नियमावली आउटसोर्स मेनूवल 2025 के विरोध में झारखंड राज्य आउटसोर्स कर्मचारी संघ द्वारा अपनी बारह सूत्री मांगो के समर्थन मे राजभवन रांची के समक्ष धरना दिया!इस धरना मे साहिबगंज समाहरणालय मे कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर अभिषेक कुमार सिंह,पवन कुमार एवं बीरबल कुमार दास शामिल हुआ!आउटसोर्स कर्मचारी अभिषेक कुमार सिंह ने बताया क़ी हमलोग अपने निर्धारित चरणबद्ध आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए झारखंड राज्य के सभी आउटसोर्स कर्मचारी राजभवन रांची के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया.उन्होंने बताया कि इस नियमावली में पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया है।कर्मचारियों की मांग है कि सरकार इसमें संशोधन करते हुए 60 वर्ष तक सेवा सुरक्षा और वित्त विभाग के आलोक में संविदा कर्मियों के समान वेतन भुगतान करने का प्रावधान शामिल किया जाय।बता दें कि इस नियमावली को सभी ने कर्मचारी विरोधी नियमावली बताया और इसके विरोध में झारखंड के सभी आउटसोर्स कर्मचारियों से भारी संख्या में एकसाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।चाहे वो सफाई कर्मी हो,चाहे,कम्प्यूटरऑपरेटर,अमीन,चालक,माली,रसोइया,स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मी से लेकर तकनीकी कर्मी सभी ने इस बार सरकार से अपनी मांगे मनवाने की ठान ली है!
मुख्य मांगे
नियमावली गठन के उपरांत झारखण्ड राज्य अंतर्गत सभी विभाग/कार्यालयों (सचिवालय, प्रमण्डलीय,जिला,अनुमंडल,प्रखण्ड अंचल स्तरीय एवं अन्य क्षेत्रीय कार्यालय सहित) में आउटसोर्स के माध्यम से पूर्व से कार्यरत कर्मियों को यथास्थिति कार्यालय एवं पद पर पूर्ववत रखा जाय,समान कार्य के बदले समान वेतन के सिद्धांत पर वित्त विभाग द्वारा संविदा पर कार्यरत कर्मियों के लिए किये गए प्रावधान के अनुरूप वेतन समान रूप से लागू किया जाय,वार्षिक वेतन वृद्धि राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप समान अथवा पूर्व की भांति 8% किया जाय,अमीन एवं अन्य तकनीकी कर्मियों, जिसे गैर-तकनीकी श्रेणी में रखा गया है,उन्हें तकनीकी श्रेणी में रखा जाय,राज्य सरकार के कर्मियों के तर्ज पर पितृत्व अवकाश लागू किया जाय,शपथ पत्र समर्पित करने के कंडिका को विलोपित किया जाय,राज्य के सभी कार्यालयों में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कर्मियों को 60 वर्ष की आयु तक सेवा सुरक्षित किया जाय, प्रतिवर्ष कार्य मुल्यांकन के पश्चात् सेवा अवधि विस्तार की बाध्यता को समाप्त किया जाय,दुर्घटना के क्रम में शारीरिक अपंगत्ती होने पर बीमा के रूप में 05 लाख रुपया तथा दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात 10 लाख एकमुश्त भुगतान का प्रावधान किया जाय,चूँकि आउटसोर्स कर्मी एक अल्प वेतनभोगी कर्मी के रूप में राज्य सरकार को सेवा प्रदान करता है, वैसी स्थिति में उनके स्थांनान्तरण की प्रक्रिया शिथिल रखा जाय,उपार्जित अवकाश का प्रावधान राज्य सरकार के कर्मियों के तर्ज पर लागू किया जाय,10 वर्षों से सेवारत आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमितीकरण का प्रावधान किया जाय।